विवादों के बीच 6 भारतीय स्टार्टअप्स की सफलता और विस्तार

Facts Guru
0

वर्तमान में भारतीय बाजार में बिज़नेस स्टार्टअप्स की एक नई लहर दौड़ रही है, जिसके फलस्वरूप कई लोकल ब्रांड्स को विश्व स्तर पर पहचान मिली है। आइये, इस लेख में हम कुछ ऐसे ही ब्रांड्स के बारे में पढ़ते हैं जिन्होंने न केवल भारतीय बाजार में अपनी जगह बनाई, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपना डंका बजाया है:


पतंजलि, जोमेटो, लेंसकार्ट, ओयो, बायजू और नायका कंपनियों के लोगो का कोलाज

1. पतंजलि आयुर्वेद

पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने 2006 में की थी। शुरुआती दौर में, यह कंपनी केवल छोटे पैमाने पर आयुर्वेदिक उत्पादन में संलग्न थी, लेकिन आज पतंजलि ने खाद्य पदार्थों, पेय पदार्थों, सौंदर्य प्रसाधनों, क्लीनिंग एजेंट्स और यहां तक कि स्वास्थ्य सेवा उत्पादों में भी अपना विस्तार किया है। 2021 में, पतंजलि का कारोबार 30,000 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया था, जो इसकी वैश्विक पहुंच का प्रमाण है।


पतंजलि कंपनी के उत्पाद, रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण की तस्वीर

हालाँकि पतंजलि ने कई विवादों का सामना भी किया है, विशेषकर उनके कोरोनिल उत्पाद के लॉन्च के दौरान, जब इसे COVID-19 के इलाज में प्रभावशाली बताया गया था। इस घटना को व्यापक मीडिया ने कवर किया था साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं की विश्वसनीयता पर भी बहस शुरू हो गई थी।


(ads)

2. ज़ोमैटो

2008 में स्थापित, ज़ोमैटो ने रेस्टोरेंट सर्च और फ़ूड ऑर्डर करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया। शुरू में दिल्ली-एनसीआर में अपनी सेवाएं शुरू करने वाली इस कंपनी ने धीरे-धीरे अपना विस्तार किया और आज यह दुनिया के 24 देशों में मौजूद है। 2020 में ज़ोमैटो का IPO लॉन्च हुआ था, जिसने उन्हें शेयर बाजार में भी एक मजबूत पहचान दी। इसकी बाजार मूल्यांकन में $20 बिलियन से अधिक की राशि पहुंच गई। इसने भारत में फूड डिलीवरी बाजार में एक प्रमुख स्थान प्राप्त किया है।


जोमैटो कंपनी का लोगो व स्कूटर पर फूड डिलीवरी के लिए जाता एक आदमी

2019 में, एक ग्राहक ने एक डिलीवरी बॉय के हाथ से खाना लेने से इंकार कर दिया था जो किसी विशेष धर्म का था। जोमैटो ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "भोजन का कोई धर्म नहीं होता।" इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा और प्रशंसा प्राप्त की थी।


3. लेंसकार्ट

2010 में स्थापित लेंसकार्ट ने भारतीय बाजार में चश्मे की खरीदारी को डिजिटल बना दिया। उनकी उत्कृष्ट ग्राहक सेवा और उत्पाद की गुणवत्ता ने उन्हें देशभर में पसंदीदा ब्रांड बना दिया है। आज, लेंसकार्ट सिंगापुर और दुबई जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। 2021 में इसका मूल्यांकन लगभग $2.5 बिलियन था।


लेंसकार्ट कंपनी का लोगो

2020 में लेंसकार्ट ने अपनी वेबसाइट पर एक प्रचार कोड "BALAKOT" जारी किया था, जिसका नाम भारतीय वायु सेना के एक हवाई हमले के नाम पर रखा गया था। इस कदम को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से आलोचना का सामना करना पड़ा और इसे असंवेदनशील माना गया। लेंसकार्ट को इसके बाद अपने कैंपेन को वापस लेना पड़ा और माफी भी माँगनी पड़ी थी।


(ads)

4. ओयो रूम्स

2013 में स्थापित, ओयो रूम्स ने होटल बुकिंग और हॉस्पिटैलिटी सेवाओं में क्रांति ला दी है। रितेश अग्रवाल द्वारा स्थापित यह स्टार्टअप अब दुनिया के 80 से अधिक देशों में संचालित हो रहा है, इसी कारण से यह भारतीय स्टार्टअप्स की ग्लोबल सफलता की कहानियों में से एक है।


ओयो कंपनी का लोगो

ओयो रूम्स कंपनी 2021 तक विश्व भर में लगभग 1 मिलियन से अधिक कमरों का मैनेजमेंट किया है, जिसमें इसकी सबसे बड़ी हिस्सेदारी भारत, चीन और यूरोप में है। 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, ओयो का राजस्व लगभग 20% बढ़ा है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले महत्वपूर्ण वृद्धि है।


5. बायजू'स

बायजू'स, जो कि 2011 में शुरू किया गया था, आज दुनिया के सबसे बड़े ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स में से एक है। इसकी स्थापना बायजू रवींद्रन ने की थी, और आज यह लाखों छात्रों को अपने अनूठे और इंटरैक्टिव स्टडी मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षित कर रहा है।


बायजूस कंपनी का लोगो

बायजू'स ने 2020 में अमेरिकी एडटेक कंपनी व्हाइटहैट जूनियर को 300 मिलियन डॉलर में खरीदा, जो कोडिंग सिखाने में अग्रणी है। इस अधिग्रहण ने बायजू'स के ग्लोबल फुटप्रिंट को मजबूत किया है।


6. नायका

नायका, जिसे 2012 में फाल्गुनी नायर ने स्थापित किया था, ने अपनी स्थापना के बाद से ब्यूटी और वेलनेस सेक्टर में काफी पहचान बनाई है। 2021 में इसका आईपीओ लॉन्च हुआ था जिसके बाद कंपनी की वैल्यूएशन बढ़कर लगभग 7.4 बिलियन डॉलर हो गई थी।


नायका कंपनी की फाउंडर फाल्गुनी नायर तथा कंपनी का लोगो

हालांकि, नायका के कुछ विवाद भी रहे हैं, जैसे कि उत्पादों की गुणवत्ता और ग्राहक सेवा को लेकर कई शिकायतें मिली हैं, जिसने कई बार सोशल मीडिया पर उपभोक्ताओं की नाराजगी को जन्म दिया। इसके अलावा, कंपनी के कुछ प्रमोशनल अभियान भी विवादों में रहे हैं, जैसे कि विशेष छूटों और प्रमोशन्स की वजह से उत्पादों की प्रामाणिकता पर उठते सवाल। ये विवाद नायका की ब्रांड छवि को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दे रहे हैं, और कंपनी को इनका समाधान करने के लिए कई बार अपनी नीतियों और प्रक्रियाओं को सुधारना पड़ा है।


(ads)

यहां हमने भारतीय स्टार्टअप्स की कुछ उल्लेखनीय सफलताओं और विवादों पर प्रकाश डाला है। ये कहानियां न केवल उनकी व्यावसायिक यात्राओं का आईना हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि किस प्रकार ये कंपनियां विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ी हैं। जोमैटो और लेंसकार्ट जैसी कंपनियां न सिर्फ भारतीय बाजार में एक मजबूत स्थान रखती हैं, बल्कि वैश्विक पटल पर भी अपनी पहचान बना रही हैं। उनकी गतिविधियां, चाहे वह विवाद हो या विस्तार के प्रयास, उनकी दृढ़ता और अनुकूलनशीलता को प्रकट करती हैं।



लेख के प्रति अपने विचार और सुझाव कमेंट सेक्शन में जरूर शेयर करें। आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया मुझे इस तरह के और भी रोचक तथ्य और जानकारियां इकट्ठा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।


Tags:

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!